हमारे शरीर में कई ऐसे अंग हैं जो अक्सर हमारी नजर में नहीं आते, लेकिन उनकी भूमिका हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होती है। Appendix भी एक ऐसा ही अंग है। अक्सर इसे एक “बेकार” अंग कहा जाता है, लेकिन वास्तव में यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली में मदद कर सकता है।
Appendix को हिंदी में “अंतड़ी ग्रंथी” भी कहा जाता है। यह एक छोटा, अंगुली के आकार का पतला ट्यूब है जो बड़ी आंत (Large Intestine) के प्रारंभिक हिस्से, यानी Cecum, से जुड़ा होता है। Appendix की लंबाई लगभग 3–4 इंच (लगभग 7–10 सेमी) होती है, और यह पेट के दाएँ निचले हिस्से (Lower Right Abdomen) में स्थित होता है।
प्राचीन समय में वैज्ञानिकों का मानना था कि Appendix शरीर में कोई उपयोग नहीं करता और यह सिर्फ एक “बेकार अंग” है। लेकिन हाल की शोध से पता चला है कि यह अंग प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा है और शरीर में लाभकारी बैक्टीरिया (Good Bacteria) को स्टोर करके पेट की सेहत बनाए रखने में मदद कर सकता है।
Appendix एक पतली, नली जैसी संरचना है, जिसके अंदर लसीका ऊतक (Lymphatic Tissue) होता है। इसका मुख्य कार्य है:
प्रतिरक्षा प्रणाली में मदद करना: Appendix में पाए जाने वाले लसीका ऊतक शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
अच्छे बैक्टीरिया का भंडारण: पेट में लाभकारी बैक्टीरिया की संख्या संतुलित रखने में Appendix मदद करता है।
पाचन में सहायक: हालांकि यह मुख्य पाचन अंग नहीं है, लेकिन कुछ शोधों के अनुसार यह पाचन तंत्र को बैक्टीरिया के माध्यम से सहारा देता है।
Appendix में समस्या मुख्य रूप से Appendicitis के कारण होती है। Appendicitis वह स्थिति है जिसमें Appendix सूज जाता है और अक्सर संक्रमण का कारण बनता है।
फूड या मल का अटटना (Blockage): Appendix का मार्ग फूड के टुकड़ों या कठोर मल (Fecalith) के कारण बंद हो सकता है।
संक्रमण (Infection): पेट या आंत में किसी वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण Appendix में सूजन हो सकती है।
लसीका ऊतक में वृद्धि (Lymphoid Hyperplasia): शरीर में संक्रमण के दौरान Appendix की लसीका ग्रंथि बढ़ सकती है, जिससे रास्ता बंद हो जाता है।
अन्य कारण: कभी-कभी पेट में चोट, आंतरिक सूजन या ट्यूमर की वजह से भी Appendix में समस्या हो सकती है।
ध्यान दें: Appendicitis एक गंभीर स्थिति है, यदि समय पर इलाज न किया जाए तो Appendix फट सकता है, जिससे पेट में गंभीर संक्रमण (Peritonitis) हो सकता है।
Appendicitis के लक्षण कई प्रकार के होते हैं। शुरुआती चरण में लक्षण हल्के हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ यह गंभीर हो सकते हैं।
पेट में दर्द: आमतौर पर दर्द पेट के मध्य से शुरू होकर दाएं निचले हिस्से में बढ़ता है।
उल्टी और मतली: मरीज को बार-बार उल्टी या मतली महसूस हो सकती है।
बुखार: हल्का या तेज बुखार भी आम है।
भूख न लगना: खाना खाने की इच्छा कम हो जाती है।
पेट फूलना या गैस: पेट में भारीपन और सूजन महसूस हो सकती है।
दस्त या कब्ज: कुछ मामलों में दस्त या कब्ज भी हो सकते हैं।
चेतावनी: अगर Appendix फट जाए, तो अचानक तेज दर्द, तेज बुखार और उल्टी होना गंभीर स्थिति का संकेत है।
Appendix में समस्या को पूरी तरह से रोकना संभव नहीं है, लेकिन कुछ आदतों से जोखिम कम किया जा सकता है:
फाइबर युक्त आहार: हरी सब्जियाँ, फल, और अनाज खाने से मल सॉफ्ट रहता है।
पर्याप्त पानी पीना: डिहाइड्रेशन से कब्ज़ और Appendix ब्लॉकेज का खतरा बढ़ सकता है।
संतुलित जीवनशैली: नियमित व्यायाम और सही भोजन से पेट की सेहत अच्छी रहती है।
संक्रमण से बचाव: साफ-सफाई और स्वच्छ आहार से पेट के संक्रमण का खतरा कम होता है।
ध्यान दें: Appendix फटने की स्थिति में तत्काल मेडिकल इमरजेंसी है।
यदि आप या आपके किसी परिवार के सदस्य को पेट के दाएँ निचले हिस्से में तेज दर्द, उल्टी, बुखार या भूख न लगना जैसी समस्याएँ महसूस हो रही हैं, तो इसे हल्के में न लें। Appendix में सूजन (Appendicitis) एक गंभीर स्थिति है, और समय पर इलाज से जान का खतरा टाला जा सकता है।
हम सुझाव देते हैं कि आप तुरंत किसी अनुभवी गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट या General Surgeon से संपर्क करें।
EMC Hospital Batala में विशेषज्ञ डॉक्टर आपकी स्थिति का सही निदान करेंगे और आवश्यक उपचार या Surgery का सुझाव देंगे।
पेट के दाएँ निचले हिस्से में तेज दर्द, उल्टी, बुखार, भूख कम लगना, पेट फूलना या कब्ज।
आम तौर पर Appendectomy (Surgery) ही सबसे प्रभावी उपचार है। हल्की स्थिति में डॉक्टर एंटीबायोटिक्स के माध्यम से भी इलाज कर सकते हैं।
नहीं, आधुनिक लैप्रोस्कोपिक सर्जरी सुरक्षित होती है। ऑपरेशन के बाद मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं।
यह एक इमरजेंसी स्थिति है। तुरंत अस्पताल जाएँ और डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर सर्जरी और एंटीबायोटिक्स जीवन बचा सकते हैं।
फाइबर युक्त आहार लें, पर्याप्त पानी पिएँ, पेट की साफ-सफाई का ध्यान रखें और समय-समय पर मेडिकल चेकअप कराएँ।